छत्तीसगढ़

दो दशक बाद किसी महिला की झोली में आया दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, आशा पारेख सातवीं महिला

नईदिल्ली I अपने दौर की मशहूर अदाकारा आशा पारेख को इस साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। आज इसकी घोषणा हुई है। हिंदी सिनेमा के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। आशा पारेख की अदाकारी, खूबसूरती, अंदाज और फिल्मों के उनके किरदारों को देखते हुए इस बात में जरा भी संशय नहीं कि वह इस सम्मान की हकदार हैं। मगर, इससे भी बड़ी खुशी की बात है कि यह सम्मान लंबे वक्त बाद किसी हीरोइन को मिल रहा है। जी हां, करीब 22 वर्षों के बाद यह सम्मान किसी महिला को मिल रहा है।

फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च अवॉर्ड
आशा पारेख अपने अभिनय और फिल्मों के लिए इंडस्ट्री में जानी जाती हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि इस साल का दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड अभिनेत्री आशा पारेख को दिया जाएगा। आपको बता दें कि यह इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च अवॉर्ड है। यह अवॉर्ड एक्ट्रेस को फिल्म इंडस्ट्री में दिए गए योगदान के लिए दिया जाएगा। आखिरी बार यह सम्मान वर्ष 2019 में साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को मिला। वहीं, महिलाओं की बात करें तो आशा पारेख से पहले यह सम्मान आशा भोसले को वर्ष 2000 में मिला था। आशा पारेख को मिलाकर अब तक सिर्फ सात महिलाओं को यह सम्मान मिला है।

इन अभिनेत्रियों को मिला है अब तक यह अवॉर्ड
79 साल की आशा पारेख को ये सम्मान 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में दिया जाएगा। इस बार का अवॉर्ड इसलिए भी खास है कि 22 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी महिला को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। बता दें कि यह अवॉर्ड पाने वाली आशा पारेख सातवीं महिला हैं। उनसे पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी भी इस अवॉर्ड को हासिल कर चुकी हैं।

यह अवॉर्ड पाने वाली आशा पारेख 52वीं शख्सियत
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह 52वीं हस्ती होंगी। आपको बता दें कि दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत वर्ष 1969 में दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष में की गई। देविका रानी यह अवॉर्ड प्राप्त करने वाली पहली अभिनेत्री थीं। बता दें कि फिल्म उद्योग के ‘पितामह’ कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के का पूरा नाम धुंडिराज गोविन्द फाल्के था। आपको बता दें कि 2019 के बाद  कोविड 19 महामारी के चलते इस अवॉर्ड की घोषणा नहीं की गई। अब 2020 के लिए यह सम्मान आशा पारेख को दिया जा रहा है।