छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश, ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में तुरंत रोकी जाएं व्यावसायिक गतिविधियां

नई दिल्ली। अब ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां नहीं हो सकेगी। मंगलवार को सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को यह निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल की परिधीय दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने आगरा विकास प्राधिकरण को 17वीं सदी के सफेद संगमरमर के मकबरे के संबंध में अपने आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है।

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम आगरा विकास प्राधिकरण को स्मारक ताजमहल की परिधीय दीवार (सीमा) से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते हैं। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होगा।’

वाहनों की आवाजाही पर सख्त नियमों के अलावा स्मारक का 500 मीटर का दायरा एक नो-कंस्ट्रक्शन जोन है। पूरे क्षेत्र में स्मारक के पास लकड़ी जलाने और नगरपालिका ठोस कचरा और कृषि अपशिष्ट पर भी प्रतिबंध है।

संरक्षित स्मारक के हित में होगा निर्देश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव की दलीलों पर विचार किया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करना संरक्षित स्मारक के हित में होगा।

दुकान मालिकों के एक समूह ने दायर की थी याचिका

बता दें कि यह याचिका दुकान मालिकों के एक समूह द्वारा दायर की गई थी। इन्हें अपना व्यवसाय चलाने के लिए 500 मीटर के दायरे से बाहर एक क्षेत्र आवंटित किया गया था। उन्होंने अदालत को बताया कि ताजमहल के पास अवैध व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही हैं जो सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेशों का घोर उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 में ताजमहल के संरक्षण और इसके आसपास के संरक्षण से संबंधित मामले को जब्त कर लिया है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में 1631 में बनवाया था।

पर्यावरणविद् एमसी मेहता ने ताजमहल के संरक्षण और उसके आसपास के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) में निर्माण से संबंधित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा कि यह एक ‘इको-सेंसिटिव एरिया’ है, जिसमें ताजमहल सहित चार विश्व धरोहर स्थल हैं। मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।