छत्तीसगढ़

ज्ञानवापी मामले में हुआ कुछ ऐसा, मुस्लिम पक्ष को फिर लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष यानी की अंजुमन इंतजामिया को वाराणसी जिला अदालत की ओर से फिर से बड़ा झटका लगा है। इससे पहले कोर्ट की ओर से मुस्लिम पक्ष को उस वक्त झटका लगा था, जब कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को सुनवाई योग्य करार दिया था। दरअसल, मुस्लिम पक्ष हिंदू पक्ष की याचिका को निराधार बताते हुए सुनवाई करने लायक नहीं बता रहा था, लेकिन कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को सुनवाई योग्य बताया। जिसके बाद हिंदू पक्षों में खुशी लहर दौड़ गई थी। अब इसी कड़ी में कल फिर इस पूरे मामले में सुनवाई हुई, जिससे मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

बता दें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ज्ञानवापी प्रकरण में हिंदू पक्ष की ओर की दाखिल की गई याचिका को लेकर सुनवाई जारी रहेगी। उधर, मुस्लिम पक्ष ने उक्त प्रकरण में कोर्ट से आठ दिनों की मोहलत मांगी थी, लेकिन कोर्ट की तरफ से सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर मुकर्रर कर दी गई। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील ने मस्जिद में शिवलिंग को फव्वारे बताने जाने के विवाद को लेकर इसकी कार्बन डेटिंग कराने जाने का निर्देश दिया है, ताकि यह साफ हो सकें कि यह शिवलिंग है या फव्वारा।

इसके साथ ही कोर्ट की ओर से मुस्लिम पक्ष को अगली सुनवाई में आपत्तिपत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है। उधर, एक रूल 10 के तहत कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को आगली सुनवाई तक आवेदन पत्र दाखिल करने के लिए कहा है, लेकिन मामले में सिर्फ और सिर्फ 10 लोगों के आवेदन ही सामने आए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में जो सात पक्षकार शामिल नहीं हुए हैं, उनकी पक्षकार बनने की योग्यता को निरस्त करने की बात भी कोर्ट की तरफ से भी कही गई है। बहरहाल, अब देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से सुनवाई के बाद मामले में क्या कुछ डेवलेंपमेंट देखने को मिलती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

वहीं, अगर मामले में अब तक के डेवलेंपमेंट की बात करें, तो अब तक मामले में दो बार मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लग चुका है। उधर, मामले में दोनों ही बार हिंदू पक्ष के हित में ही फैसला सुनाया गया है। अब ऐसे में अगली सुनावई में कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला आता है। यह देखने वाली बात होगी। बता दें कि बीती सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देकर मामले को रफा-दफा किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उस वक्त मामले को सुनवाई योग्य ठहराकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दे दिया है। बता दें कि कोर्ट के उक्त फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाए जाने की बात कही गई थी, जिस हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया है कि इस स्थिति में हमें भी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने में कोई गुरेज नहीं होगा।