छत्तीसगढ़

डॉक्टर ने बताया: बिना लक्षणों के भी हो सकता है डेंगू, जानिए वायरल फीवर और डेंगू में कैसे करें अंतर?

नईदिल्ली I राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामले पिछले कुछ हफ्तों से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही 100 से अधिक लोगों में संक्रमण का पता चला है। डॉक्टर्स कहते हैं मच्छर जनित बढ़ते इस गंभीर रोग के खतरे को समझते हुए सभी लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है। डेंगू किसी को भी हो सकता है, इसकी गंभीर स्थिति जानलेवा हो सकती है, इस जोखिम को समझते हुए मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करते रहें। डेंगू के खतरे से बचे रहने के लिए इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।

डॉक्टर्स कहते हैं, चूंकि इस समय देश में मौसम बदल रहा है जिसके कारण सीजनल फ्लू का खतरा भी काफी बढ़ गया है, इसके अलावा डेंगू के मामलों में भी उछाल देखा जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि डेंगू और फ्लू के ज्यादातर लक्षण एक जैसे होते हैं, ऐसे में इनमें समय रहते अंतर करना और स्थिति का सही इलाज कराना आवश्यक हो जाता है।

इसके अलावा कुछ स्थितियों में डेंगू का संक्रमण एसिम्टोमैटिक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि समय रहते डेंगू की पहचान कैसे की जा सकती है? विशेषज्ञ कहते हैं, डेंगू के मामले में समय पर इलाज मिल जाने से रोग को गंभीर रूप लेने से बचाया जा सकता है।

डेंगू और वायरल फीवर में कैसे अंतर करें?

डेंगू के बढ़ते खतरे और इससे बचाव के बारे में समझने के लिए हमने इंटेसिव केयर के डॉक्टर विनय मुंजाल से संपर्क किया। डॉक्टर विनय कहते हैं, डेंगू और इन्फ्लुएंजा  (वायरल बुखार) के कई लक्षण एक समान होते हैं जैसे- सर्दी, खांसी, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार। इन लक्षणों को लेकर अक्सर लोग भ्रमित रहते हैं। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि डेंगू के कुछ लक्षण शरीर पर बिल्कुल अलग नजर आते हैं, जिसके आधार पर इस स्थिति की पहचान की जा सकती है।

डेंगू के रोगियों में शरीर पर खून के थक्कों की तरह चकत्ते हो सकते हैं। वायरल बुखार के ज्यादातर मामलों में शरीर का तापमान 101 डिग्री फ़ारेनहाइट तक रहता है जबकि डेंगू से पीड़ितों में बुखार 103-104 डिग्री फ़ारेनहाइट होता है। यह कुछ अंतर हैं जिनके आधार पर शुरुआती स्तर पर डेंगू और वायरल फीवर में अंतर किया जा सकता है।

बिना लक्षणों के भी हो सकता है डेंगू

डॉक्टर विनय बताते हैं, जरूरी नहीं है कि डेंगू के हर रोगी को तेज बुखार के साथ अन्य लक्षण जरूर दिखें, कुछ स्थितियों में डेंगू एसिम्टोमैटिक भी हो सकता है। कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षणों जैसे बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द के साथ भी डेंगू का निदान किया जा सकता है। इसलिए यदि आपको 3-4 दिनों से फ्लू जैसी दिक्कतें बनी हुई है और सामान्य दवाओं से ठीक नहीं हो रहा है तो इस स्थिति में किसी विशेषज्ञ से मिलकर जांच और इलाज जरूर करा लेनी चाहिए।

गंभीर हो सकती है डेंगू की स्थिति

डॉक्टर्स कहते हैं, अगर डेंगू का समय रहते इलाज और निदान न हो पाए तो इसकी स्थिति गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है। गंभीर डेंगू, एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। गंभीर मामलों में डेंगू रक्तस्रावी बुखार का भी कारण बन सकता है जिसमें आपको गंभीर रक्तस्राव, रक्तचाप में अचानक गिरावट की समस्या भी हो सकती है। अगर समय रहते डेंगू का पता  लगाकर इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोग के गंभीर रूप लेने और रोगी की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।

 क्या है डॉक्टर्स की सलाह?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से पिछले कुछ हफ्तों में डेंगू के मामलों में तेज उछाल आया है, इस खतरे को देखते हुए सभी लोगों के लिए इससे सुरक्षित रहने के उपाय करना जरूरी हो गया है। मच्छरों के काटने से बचें, लंबी बाजू की शर्ट-पैंट पहनें, अपने घर के अंदर और बाहर मच्छरों को नियंत्रित करने के उपाय जैसे दवाइयों का छिड़काव और पानी के जमाव को रोकें। छोटे-छोटे प्रयास आपको डेंगू के खतरे से बचा सकते हैं। सबसे खास बात अगर आपको कुछ समय से लक्षणों का अनुभव हो रहा है तो समय रहते इलाज जरूर प्राप्त करें।