छत्तीसगढ़

बिलासपुर: ट्रेन बंदी के विरोध में GM ऑफिस का करेंगे घेराव, रेलवे प्रशासन के खिलाफ नागरिक सुरक्षा मंच, कैंसिल ट्रेनों को बहाल करने की मांग

बिलासपुर I दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन में लगातार ट्रेनों को कैंसिल करने के विरोध में अब फिर से आंदोलन शुरू होने वाला है। इस बार नागरिक सुरक्षा मंच ने रेलवे के इस फैसले को मनमानी बताते हुए 21 सितंबर को GM ऑफिस का घेराव करने का ऐलान किया है। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले 6 माह से रेलवे लगातार ट्रेनों को कैंसिल कर रहा है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।

नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक के मुताबिक कोरोना काल के बाद से रेलवे प्रशासन मनमानी तरीके से ट्रेनों को कैंसिल कर रहा है। रेलवे के इस फैसले से रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ ही लंबी दूरी के यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं। स्थिति यह है कि पिछले 6 महीने से छत्तीसगढ़ के यात्रियों को ट्रेन की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

6 माह में 300 से ज्यादा ट्रेनें रद्द
नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक ने कहा कि कोरोना काल में रेलवे ने यात्री ट्रेनों को पूर्णत: बंद कर दिया था। इसके बाद जब दूसरे जोन में ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई, तब यहां गिने-चुने ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन का नाम देकर परिचालन शुरू किया गया। कोरोना कॉल के तीन साल बाद भी छत्तीसगढ़ के यात्रियों को रेल सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।

दूर-दराज के ग्रामीणों की बढ़ी दिक्कत
कोरोना काल के बाद से रेलवे ने जिन ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है, उसमें भी छोटे स्टेशनों का ठहराव बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से जिले के साथ ही प्रदेश भर के ग्रामीण इलाकों के लोगों को ट्रेनों की सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से उन्हें टैक्सी या फिर बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिन इलाकों में बस की सुविधा नहीं है, उन्हें यात्रा करने में दिक्कतें हो रही है।

सभी ट्रेनों को बहाल करने की मांग, GM ऑफिस का करेंगे घेराव
नागरिक सुरक्षा मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता 21 सितंबर को दोपहर 12 बजे रेलवे जोन के GM ऑफिस का घेराव करेंगे। पदाधिकारियों ने रेलवे के इस फैसले को छत्तीसगढ़ जनता के साथ अन्याय बताया है। साथ ही जोन से चलने वाली सभी ट्रेनों को शुरू करने के साथ ही छोटी स्टेशनों में भी स्टॉपेज देने की मांग की है। इन्हीं मुद्दों को लेकर मंच के पदाधिकारी GM ऑफिस में हल्ला बोलेंगे।