छत्तीसगढ़

8 चीते तो आ गए, 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए…राहुल ने PM मोदी पर साधा निशाना

नईदिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया. इसके बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 8 चीते तो आ गए लेकिन 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘8 चीते तो आ गए, अब ये बताइए, 8 सालों में 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए? युवाओं की है ललकार, ले कर रहेंगे रोजगार.’

कांग्रेस और राहुल गांधी का यह आरोप रहा है कि प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया. शनिवार को अपना 72 वां जन्मदिन मना रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को केएनपी के एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया. चीते धीरे-धीरे पिंजड़ों से बाहर आते दिखे. इस मौके पर मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की तस्वीरें लेते हुए भी दिखाई दिए.

इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे. बता दें कि देश में अंतिम चीते की मौत 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो छत्तीसगढ़ जिले में स्थित है. 1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित किया गया था.

राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने के लिए PM मोदी ने किया चीते छोड़ने का तमाशा

राहुल गांधी से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए यह सब तमाशा खड़ा किया गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं. चीता प्रोजेक्ट के लिए 25 अप्रैल, 2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा का जिक्र तक न होना इसका ताजा उदाहरण है. आज प्रधानमंत्री ने बेवजह का तमाशा खड़ा किया. यह राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने का प्रयास है.’

उन्होंने कहा, ‘2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में शिफ्ट किया गया, तब कई लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे. वे गलत साबित हुए. चीता प्रोजेक्ट पर भी उसी तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं. इसमें शामिल प्रोफेशनल्स बहुत अच्छे हैं. मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं!’

प्रोजेक्ट चीता’ पर कांग्रेस का दावा

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह की सरकार के समय में ही स्वीकृति मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के चलते इसमें इतना समय लगा. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ. मनमोहन सिंह जी की सरकार ने इसे स्वीकृति दी. अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए.’ पार्टी ने आगे कहा, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, 2020 में रोक हटी. अब चीते आएंगे.’