छत्तीसगढ़

स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के खिलाफ जांच पर कोई रोक नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने किया साफ

नईदिल्ली I दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया है कि स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के खिलाफ कुछ व्यक्तियों को एयरलाइन के शेयर ट्रांसफर करने से जुड़े कथित धोखाधड़ी के मामले में जांच पर कोई रोक नहीं रहेगी. दरअसल यह स्पष्टीकरण अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को लेकर न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की तरफ से पारित एक आदेश पर आया है. बता दें कि आठ सितंबर के अपने आदेश में कोर्ट ने उद्योगपति की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. कोर्ट ने अब कहा है कि, राज्य के एडिश्नल स्टैंडिंग काउंसिल द्वारा की गई प्रार्थना के मद्देनजर यह स्पष्ट किया जाता है कि जांच पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर तय की है और कहा कि इस बीच अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा.

दिल्ली के एक बिजनेसमैन ने लगाया था आरोप

दो समान एफआईआर से संबंधित मौजूदा मामले में दिल्ली के एक बिजनेसमैन और उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उसके और आरोपी के बीच शेयर खरीदने के लिए समझौता हुआ था और उन्होंने सिंह को राशि का भुगतान किया. हालांकि, इन शेयरों को ट्रांसफर नहीं किया गया. शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया है कि आरोपी ने बेईमानी से पुरानी और अमान्य डीआईएस (डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप) उसे सौंप दी.

इससे पहले कोर्ट ने 7 अप्रैल को अजय सिंह को जांच में शामिल होने और विवादित शेयरों को सुरक्षित रखने और इस संबंध में जांच एजेंसी को अंडरटेकिंग देने का निर्देश देते हुए उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि पार्टियों के बीच विवाद एक नागरिक प्रकृति का प्रतीत होता है और ”इससे इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि याचिकाकर्ता स्पाइसजेट एयरलाइंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं और समाज में उनकी गहरी सामाजिक जड़ें हैं”.

इससे पहले अजय सिंह की तरफ से अग्रिम जमानत की मांग करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनाया गया था और आपराधिक मामला आपराधिक तंत्र का दुरुपयोग था.