छत्तीसगढ़

नाराज PK को मनाएंगे नीतीश? इस नेता को सौंपी बात करने की जिम्मेदारी

पटना I बिहार की राजनीति से बड़ी खबर आ रही है. विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब अपने पुराने करीबियों को भी मनाने की तैयारी शुरू कर दी है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा को अपने सरकारी आवास 1 अन्ना मार्ग बुलाया. यहां दोनों के बीच काफी देर से बातचीत चल रही है. बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2020 में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को जदयू से बाहर कर दिया था.

जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार ने अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को फिर से अपने पाले में लाने के लिए कवायद शुरू की है. इसके लिए पवन वर्मा को जिम्मेदारी सौंपने जा रहे हैं. नीतीश ने सोमवार को पवन को अपने आवास बुलाकर मुलाकात की और प्रशांत को मनाने के लिए कहा है.

बिहार में सत्ता परिर्वतन के बाद बढ़ी नजदीकियां

बता दें कि जेडीयू ने एक समय पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को एकसाथ पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जनवरी 2020 में दोनों को जेडीयू से निकाला गया था. उसके बाद पवन वर्मा ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए थे. ममता ने उन्हें टीएमसी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था. हाल ही में बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद एक बार फिर पवन की नीतीश के साथ नजदीकियां बढ़ीं और उन्होंने पिछले महीने टीएमसी छोड़ दी है.

2020 में पवन और प्रशांत को जदयू से निकाला गया था

गौरलतब हो कि जनवरी 2020 में पवन वर्मा ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नीतीश कुमार के स्टैंड पर आपत्ति जताई थी. इसके साथ ही प्रशांत किशोर भी मुखर चल रहे थे. पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी थी और बीजेपी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर भी आपत्ति जताई थी. इस लेटर को सार्वजनिक कर दिया गया था. पवन वर्मा ने कहा था कि नीतीश कुमार ने बीजेपी और आरएसएस के सामने सरेंडर कर दिया है. यही वजह थी कि नीतीश ने इन दोनों नेताओं को एकसाथ पार्टी से निकालने का फैसला लिया था.

पिछले महीने पवन ने छोड़ दी टीएमसी

पिछले महीने अगस्त में जब पवन वर्मा ने टीएमसी छोड़ी तो उन्होंने ट्वीट किया और लिखा- ‘ममता जी, कृपया टीएमसी से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. मैं आपका धन्यवाद देता हूं कि आपने मेरा इतना गर्मजोशी के साथ टीएमसी में स्वागत किया था. ऑल द बेस्ट.’