छत्तीसगढ़

10 दिन में पार्टी का ऐलान करेंगे आजाद, बोले- धर्म के नाम पर नहीं करने दूंगा वोट

नईदिल्ली I कांग्रेस से दूरी बना चुके जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने जम्मू कश्मीर में एक जनसभा के दौरान कहा कि वह 10 दिनों के अंदर अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे. 73 वर्षीय अनुभवी नेता गुलाम नबी ने रविवार को बारामूला में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कई लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं बीजेपी का हूं, लेकिन मैं सिर्फ नबी का गुलाम हूं. कुछ लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि मैंने 370 के खिलाफ बात की. लेकिन मैं आश्वासन दे रहा हूं कि इसके खिलाफ बिल कांग्रेस द्वारा लाया गया था और मुझे इसका विरोध करना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘मैं विपक्ष का नेता था, जिसने 4 घंटे जमीन पर धरना प्रदर्शन किया. मैं कभी भी खूनखराबा और धर्म के नाम पर वोट नहीं करने दूंगा. धारा 370 पर मेरे भाषण को कम से कम 200 देशों ने सुना है. मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैं 370 पर क्यों नहीं बोल रहा हूं. मैं यहां वोट के लिए लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए नहीं आया हूं. इसपर दुविधा में हमने एक लाख युवाओं को खो दिया है.’

‘मैं नहीं होता, तो कोई कश्मीर की आवाज नहीं उठाता’

नबी ने कहा कि पिछले 10 सालों से कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें नहीं मिली. मैंने जो पार्टी (कांग्रेस) छोड़ी है, उसे ज्यादा कुछ नहीं मिलने वाला. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहता हूं कि “आप मेरा साथ दो मैं आपको खून दूंगा”, बिल्कुल बोस की तरह, जिन्होंने कहा था “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा”. उन्होंने आगे कहा, ‘सोचो अगर मैं विपक्ष का नेता नहीं होता, तो संसद में किसी ने कश्मीर की आवाज नहीं उठाई होती.’

गुलाम नबी ने कहा, ‘1990 की त्रासदी ने कश्मीरी पंडितों, मुसलमानों और सिखों सहित सभी की जान ली. कई कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा. पूरे कश्मीर को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इस दौरान कुछ असली मुठभेड़ तो कुछ फर्जी मुठभेड़ भी हुए. जब मैं मुख्यमंत्री था और मुझे मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतें मिलती थीं, तो आतंकियों की हत्या पर बिल्कुल शोर नहीं होता था.’

हमने आतंकवाद का सामना किया

उन्होंने कहा, ‘एक बार रेहड़ी वालों का एक प्रतिनिधिमंडल अपने साथी के लापता होने की शिकायत लेकर आया था. मुझे चिंता हुई कि कहीं सुरक्षाबलों ने तो कुछ गलत नहीं कर दिया. फिर मैंने इसका वेरिफिकेशन किया. मैंने अपने सीआईडी ​​विंग से पूछताछ की. और अंत में मारे गए तीन लोगों को परिवारों ने पहचाना. हत्या करने वाले अपने थे. मैंने ऐसे 12-13 पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया, जो शायद अभी भी जेल में हैं. हमने आतंकवाद का सामना किया और मानवाधिकारों के उल्लंघन को भी होने से रोका.’