छत्तीसगढ़

विदेश मंत्री ने कोविड-19 से उत्पन्न नयी चुनौतियों से निपटने के लिए किया आह्वान, राजनाथ सिंह भी रहे मौजूद

नईदिल्ली I विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को कोविड-19 महामारी और जारी संघर्षों से उत्पन्न नयी चुनौतियों से निपटने के लिए जापान के साथ सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया. भारत-जापान टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोविड -19 महामारी और ‘चल रहे संघर्षों’ को गंभीर घटनाक्रम और नयी चुनौतियों के रूप में चिह्नित करने के साथ उनके समाधान की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने हाल के दिनों में बहुत गंभीर घटनाक्रम देखा है, खासकर 2019 में पिछली बैठक के बाद से कोविड महामारी और चल रहे संघर्षों के मद्देनजर यह आवश्यक है कि हम अब नयी चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश करें. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा जापानी समकक्ष भी मौजूद रहे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा विशेष रूप से आवश्यक मुद्दों के रूप में उभरे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में, भारत ने मानवीय सहायता, दवाएं, टीके, खाद्यान्न तथा कई अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किए हैं. हम इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम संवाद और कूटनीति के माध्यम से आम समाधान खोजने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

वैश्विक साझेदारी की शक्ति का दिया संकेत

जयशंकर ने कहा कि टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया तथा भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी की शक्ति का भी संकेत दिया. ताइवान के आस-पास और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख के बीच जयशंकर ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी अत्यधिक महत्व की साझेदारी है. यह लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित है.

भारत और जापान के बीच घनिष्ठ सहयोग की नींव रखेगी यह सुरक्षा

जयशंकर का कहना है कि हाल के वर्षों में संबंधों के रणनीतिक पहलुओं ने नया अर्थ प्राप्त किया है, जो दोनों देशों के हालिया द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में परिलक्षित होता है. पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे नेताओं की हालिया बैठक ने हमारे संबंधों की निरंतरता और मजबूती की पुन: पुष्टि की. इस समग्र संदर्भ में, आज की हमारी बातचीत का विशेष महत्व है। जिसके बारे में मुझे विश्वास है कि यह सुरक्षा और विदेशी मामलों के क्षेत्र में भारत तथा जापान के बीच घनिष्ठ सहयोग की नींव रखेगी. जयशंकर ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर भी गहरा शोक व्यक्त किया।